एक दो तीन चार...
अरे बाबू ठहर भी जाओ..
कुछ ऐसा लग रहा है
जैसे पतझर के मौसम पर पेड़ के पत्ते टपकते हैं वैसे ही...
कांग्रेस नेता भी टपक टपक कर मानो भाजपा के पाले में लोटपोट से हो रहे हैं।
मध्यप्रदेश प्रदेश प्रवक्ता विवेक गुप्ता ने कांग्रेस का हाथ झटक कर फूल थाम लिया...
सिर्फ गुप्ता ही नही जबलपुर से तो कांग्रेसी महापौर साहब का भरोसा भी पार्टी पर से डिग गया
इनके साथ साथ कई कांग्रेसी का विश्वास डोल कर भाजपाई खेमें में सिमट गया।
अब विदिशा में कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश कटारे, पूर्व विधायक दिनेश अहिरवार ने भी कांग्रेस को ठेंगा दिखाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली।
मतलब एक एक बाद एक नम्बर लगा पड़ा है लेकिन नए नवेले युवा उत्साही कांग्रेस अध्यक्ष बाबू कही खोपचे में मस्त पड़े हैं।
आलाकमान तो मानो यह मान कर बैठा ही है कि..पार्टी से लोगों का जाना तय है।
ठीक लोकसभा चुनाव से पहले यह भगदड़..पार्टी के हित में तो कतई नहीं। लेकिन आश्चर्य..पार्टी भी इस विषय को लेकर गंभीर ही नही।
बड़े बड़े नेताओं से लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मन ऊब सा रहा है।
हालात सिर्फ मध्यप्रदेश ही नही बल्कि साहब देश के हर राज्य में कुछ ऐसे ही हैं।
हालिया खबर कहती है कि महाराष्ट्र के बड़े नेता एवम पूर्व सीएम अशोक चव्हाण भी कांग्रेस को बाय कह चुके हैं। और जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते है।
वहां भाजपा भी बड़ी वाली है...कौन आ रहा है?
और क्यों आ रहा है?
कोई बांदा नही..
बस आने दो आने दो..
में मस्त है।
खैर सियासत में आना जाना लगा रहता है।
कभी भी किसी का स्वाभिमान जाग जाता है।
और कभी भी किसी के सम्मान पर आंच आ सकती है।
तो भईया..अब इस माहौल में सभी की निगाहें टिकी है तो कमलनाथ पर।
क्यूंकि चचा की खबरें भी bhaut तेजी से आम हैं
और यदि ऐसा हुआ तो..प्रदेश के एक मात्र कांग्रेसी गढ़ में सेंध लगना तो तय है ही..
लेकिन साथ में कांग्रेस की लाई लुटने में उफ्फ, कमी ना रहने वाली..