नवरात्रि : सातवां दिन, माँ कालरात्रि की पूजा - आराधना

06 May 24 6

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Description
चैत्र मास की नवरात्रि के सातवें दिन देवी दुर्गा के सातवें स्वरूप यानि मां कालरात्रि की पूजा का विधान है। हिंदू मान्यता के अनुसार नवरात्रि की 09 दिनी साधना में मां कालरात्रि की पूजा शक्ति के साधक से जुड़े हुए सभी प्रकार के भय को दूर करती है। मां कालरात्रि रूप बेहद डरावना है, उनके आशीर्वाद से भक्त हमेशा निडर जीवन जीता है। भगवती के इस भव्य स्वरूप के शुभ प्रभाव से साधक के पास भूल से भी नकारात्मक शक्तियां या बलाएं नहीं फटकती हैं।
 
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की साधना भोर के समय अत्यंत ही शुभ और फलदायी मानी गई है। ऐसे में देवी दुर्गा के इस दिव्य स्वरूप का आशीर्वाद पाने के लिए सप्तमी तिथि दिन वाले सुबह सूर्योदय से पहले उठें और स्नान ध्यान करने के बाद मां कालरात्रि की पूजा एवं व्रत को विधि-विधान से करने का संकल्प लें।
इसके बाद मां कालरात्रि फोटो या प्रतिमा पर गंगाजल अर्पित करें और फिर उसके बाद देवी का आह्वान करें। इसके बाद मां कालरात्रि को रोली, अक्षत, फल- फूल, मिष्ठान, वस्त्र, सिंदूर, धूप, दीप, आदि को अर्पित करके उनकी पूजा करें।
 
हिंदू मान्यता के अनुसार देवी को प्रसन्न करने के लिए साधक को उनकी पूजा में गुड़ और हलवे का भोग जरूर लगाना चाहिए। देवी को भोग लगाने के बाद माता को विशेष रूप से पान और सुपाड़ी भी चढ़ाएं। इसके बाद मां कालरात्रि से मनचाहा वरदान पाने के लिए उनकी कथा, चालीसा का पाठ या फिर उनके मंत्रों का जाप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें। पूजा के अंत में मां कालरात्रि की आरती करें और उसमें हुई भूल के लिए क्षमा प्रार्थना करें।