Pm मोदी इशारा देने का अपना ही तरीका है..
और अपने उसी तरीके से
मप्र के चुनावी दौरे के दौरान..मोदी ने फिर एक और तस्वीर साफ कर दी है.
तस्वीर.. मप्र के नेताओं की भूमिका की..
मतलब..मोदी ने सार्वजनिक मंच से CM मोहन बाबू की तारीफ की तो शिवराज को लेकर भी स्पष्ट कर दिया है कि..अब उनकी सूबे की सियासत से कोई वास्ता नहीं रहा..।
तो फिर?
सुनिए..शिव को लेकर मोदी की योजना
साफ है कि मोहन बाबू ने चैन की सांस ली होगी..और साथ ही दिलजलों के अरमानों को बड़ा धक्का लगा होगा जो ..अक्सर बदलाव के अटकलों को हवा देकर..चरम सुख ले रहे थे.
वैसे मोहन यादव मंझे हुए नेता हैं.
वक्त को समझना और उसे भुनाना बेहतर आता है.
सीएम पद की शपथ के साथ ही..मोहन..मन मोहने के मिशन में जुट गए..
जनता का तो अपनी जगह लेकिन कम से कम मोदी के मन में जम गए हैं..यह तो pm के भाषणों में होती तरीफो से साफ हो ही जाता है..