सत्ता हासिल करने के लिए भला क्या कुछ नहीं करना पड़ता है..
अब देखिए महारानी साहिबा को ही..
कभी महल की चार दिवारी में..
मस्ती से कट रही थी कि आज वक्त....दीवारें पोतने तक ले आया..
जी..दीवारों पर नारा लिखती हुई .. हुक्म ही हैं.
मतलब महाराजा ज्योतिताद्तिय सिंधिया की धर्मपत्नी..महारानी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया..
अपने पतिदेव की प्रचार में आजकल काफी व्यस्त हैं..।
लोकसभा सीट के अंतर्गत भैंसा गांव में पहुंची थी..जहां दीवारों पर नारे लिखकर vot dene की अपील की.
बीती हार का अनुभव महल को आज भी सालता है. तभी इस बार जीत के लिए कोई कोर कसर नही छोड़ना चाहता।
मतलब भाई..जीत के लिए सब कुछ करेगा..
क्योंकि सत्ता हाथ में तो जयजयकार वरना उफ..सब कुछ बेकार