#दिग्गी को याद आया ! सनातन

19 May 24 6

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Description
राजनीति में सिर्फ जीत ही मायने रखती है और वो भी किसी भी हाल में.
मतलब समय साथ ..वो सब भी जिसको लेकर दूसरों को कोसा ही क्यों न हो 
कभी भजपा पर हमलावर होने वाले दिग्गी बाबु ने भी अब जीत की मंशा पाले ..धर्म का ही सहारा लेना शुरू कर दिया है.
नेता जी ..लेटर लिखकर यह ..साबित करने की कोशिश कर  रहे हैं कि वो कितने बड़े वाले सनातनी हैं.
 दिग्गी का यह चुनावी पर्ची न सिर्फ वायरल है बल्कि लोग..चौक चौपालों से लेकर सियासी खेमों तक चर्चा का विषय भी.
देखिये यह रहा वो चुनावी टूल ..जिसकों मतदाताओं के दिमाग में फिट करने की कोशिश कर रहे हैं ..दिग्गी .
 
दिग्गी फरमाते है कि वो सनातन धर्म के सिद्धान्तों पर चलता रहे हैं , लेकिन राजनीतिक जीवन में वोटरों के लिये मैंने अपने आराध्य का कभी इस्तेमाल नहीं किया. हमारे घर यानी राघोगढ़ के किले में राघौजी महाराज जी 300 साल से चली आ रही पूजा हो या नर्मदा जी की 3300 किलोमीटर ज्यादा लंबी परिक्रमा हो, पूरी निष्ठा से दोनों सकल्पों को जिया है\. इसके अलावा भी अपने आपको स्फास्त करते हुए दिग्गी ने बहुत कुछ लिखा है 

दिग्विजय सिंह की अपील का ये पत्र राजगढ़ लोकसभा सीट के हर घर तक पहुंचाया जा रहा है
 
दरअसल बिगड़ते समीकरणों के बीच दिग्गी बाबु 33 साल बाद अपने गृह क्षेत्र से  फिर चुनावी मैदान में उतरे हैं. दिग्विजय सिंह का दावा है कि ये उनका आखिरी चुनाव है. ऐसा हम नहीं, बल्कि खुद दिग्विजय सिंह कह रहे हैं कि ये उनका आखिरी चुनाव है. 
बेशक दिग्गी अपना सब कुछ दांव पर लगाकर चुनावी मैदान में है तो भाजपा मोदी मैजिक पर सवार ...इस समय नहीं कहा जा सकता कि ऊंट किस करवट बैठेगा लेकिन जो भी होगा ..होगा बेहद दिलचस्प