क्या #कांग्रेस भेद पाएगी #टीकमगढ़ का गढ़? जानिए समीकरण

07 May 24 6

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Description
टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र धार्मिक, ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान रखता है। टीकमगढ़ लोकसभा में ही बुंदेलखण्ड की अयोध्या के नाम से मशहूर ओरछा भी आता है। ओरछा पुरातात्विक महत्व का शहर है। यहां रामराजा सरकार विराजते हैं। 
 
राजनीतिक तौर पर यहां के समीकरण बदलते और बिगड़ते रहते हैं। वर्ष 1952 के पहले चुनाव में कई अन्य जिलों को मिलाकर टीकमगढ़ लोकसभा सीट भी अस्तित्व में आई। अब तक इस सीट का चार बार परिसीमन हो चुका है। इस कारण लंबे समय तक टीकमगढ़ खजुराहो लोकसभा सीट में शामिल रहा।
 
1977 से 2004 तक टीकमगढ़ जिले का अधिकांश हिस्सा खजुराहो में ही रहा। टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र का वर्तमान स्वरूप 2009 के चुनाव से अस्तित्व में आया। खजुराहो को एक अलग सीट बना दिया गया। खास बात यह है कि यह सीट अधिकतर आरक्षित ही रही। साल 2009 से यह एससी वर्ग के लिए आरक्षित है। 
 
वर्तमान में केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक तीसरी बार यहां से सांसद हैं। जबकि कांग्रेस यहां 20 साल से वनवास भोग रही है। 2004 के चुनाव के बाद से इस सीट पर बाहरी उम्मीदवारों का कब्जा रहा है। 
विकास की राह देख रहे टीकमगढ़ लोकसभा के लोगों के सामने एक बार फिर चुनाव ने दस्तक दे दी है। जहां बीजेपी मोदी गारंटी के जरिए चौथी बार यह सीट जीतने को बेताब है, वहीं कांग्रेस के पंकज अहिरवार अपने दम पर लड़ते नजर आ रहे हैं। वह जनता के बीच पहुंच रहे हैं और सांसद के 15 साल का हिसाब मांग रहे हैं. पंकज के सामने सात बार के बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार हैं। ऐसे में अब जब चुनाव में गिनती के दिन बचे हैं। इसके बाद भी यहां चुनावी सरगर्मी ठंडी सी दी दिखाई पड़ती है। 
 
पिछले 20 सालों से बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही यहां बाहरी उम्मीदवार उतारती रही हैं। हालांकि, जीत बीजेपी को ही मिल रही है। कांग्रेस ने यहां से अलग-अलग चेहरों को मैदान में उतारा है - 2009 में सत्यव्रत चतुर्वेदी, 2014 में कमलेश वर्मा और 2019 के चुनाव में किरण अहिरवार, जबकि बीजेपी बाहरी होने का टैग होने के बावजूद जीतती रही।
 
डॉ.वीरेंद्र कुमार भी मूलतः सागर जिले के रहने वाले हैं। वीरेंद्र कुमार मोदी सरकार में राज्य मंत्री हैं। वीरेंद्र कुमार अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। वह 6 बार लोकसभा सांसद रहे हैं। ऐसे में उनकी नजर चुनाव में हैट्रिक लगाने के बाद फिर से जीत का सेहरा अपने सर बांधने पर होगी।