एक जिला - बड़ी पहचान, उफ्फ..' खरगोनी मिर्च ' कमाल

29 Apr 24 6

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Description
जी साहब ..मिर्ची 
चिली 
सुर्ख लाल तीखी तीखी यह मिर्च ..
खाने का जायका बढ़ा जाती है 
तो ..
अपने रंग से डिश को और भी  निखार दे जाती है  
 
वैसे सेहत को ध्यान में रखते हुए तीखा खाना थोडा कम हुआ है|
 शायद आप ने भी कम कर दिया होगा 
लेकिन .. पानीपूरी के साथ तीखा पानी जब तक आँखों में आंसू ना ला दे ..
तब तक कहाँ ही मजा..
ह ह ह ..आपके मुंह भी पानी आ गया न ..
जी ..मिर्ची ..तेज कितनी भी हो लेकिन पंसद सबकी है ..
 
अब भैया ..जब बात हो मर्ची कि ..और खरगोन की प्रसिद्द बेडिया लाल मिर्ची का ज़िक्र न हो ..
उफ्फ. भला कहाँ हो सकता है 
मप्र का खरगोन जिला ..
नर्मदा घाटी के लगभग मध्य भाग में ..यह जिला ..प्रक्रति की नेमतों से भरपूर है| मां नर्मदा के आशीष से यह क्षेत्र कृषि के लिए काफी मुफीद है 
तभी तो ...कपास के साथ साथ एशिया की सबसे बड़ी,  मिर्ची मंडी ...यही मौजूद है साहब
बेडिया मंडी ..जी मंडी का यही नाम हैं ...
जो तीखी,लाल गुणवत्ता वाली मिर्चियों से गुलज़ार रहती है| 
तभी तो इस जिले के मुख्य उत्पाद के तौर पर ..मिर्ची का नाम दर्ज है| और शायद अब एक बड़ी पहचान भी 
 मिर्ची के लिए खरगोन का यह इलाका काफी मुफीद है| यहाँ की मिटटी इस खेती के लिए एकदम उपयोगी| 
साथ ही  मिर्च की खेती के लिये 15 –35 डिग्री सेल्सियस तापमान तथा गर्म आर्द जलवायु की आवश्यकता होती है। जो यहाँ आसानी से मिलता है 
मिर्च में तीखापन है ना.. इसमें पाये जाने  कैप्सेसिन के कारण होता है 
मिर्च का उपयोग मसाला, चटनी, अचार एवं सॉस बनाने में किया जाता है। 
सिर्फ इतना ही नहीं मिर्च से प्राप्त कैप्सेसिन एवं ओलियोरेसिन का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जाता है।  
मिर्च की उन्नत किस्में: काशी अनमोल, अर्का सुफल, अर्का लोहित, पूसा ज्वाला आदि
मिर्च की संकर किस्में: काशी अर्ली, काशी सुर्ख, अर्का मेघना, अर्का स्वेता, अर्का हरिता काफी प्रचलित है 
निजी कंपनियों द्वारा विकसित मिर्च की संकर किस्में: नवतेज, माही 456, माही 453, सोनल, एचपीएच-12, रोशनी, शक्ति 51 आदि संकर किस्मों की खेती किसानों द्वारा की जा रही है। 
 मिर्ची की सफल खेती के चलते ..यहाँ के किसानों की जार्थिक स्थिति में काफी बदलाव हुआ है| 
 यह मिर्च न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी अपनी गुणवता के झंडे गाड़कर बेहद दीमाद में है 
मध्यप्रदेश की सरकार ने भी इस उत्पाद को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष कदम उठाये हैं| साथ ही अपनी योजनाओं के माध्यम से मिर्ची उत्पादकों की हर सम्भव मदद भी की जा रगे है| 
   सारे सक्रराताम्क समीकरण कृषि को फायदे का सौदा बनाने की दिशा में बढ़ चले है|  मिर्ची उत्पादन से किसानों को प्रति एकड़ 1.5 से 2 लाख तक मुनाफा हासिल कर रहे हैं| 
  मतलब भाई ..यह मिर्ची सिर्फ तेज ही नहीं ...बल्कि किसानों का आर्थिक आधार भी है |
     ओह्ह लीजिए...
बात करते करते ..अपना मन तो कुछ चटपटा खाने का हो चला है 
हम तो चले ..
वैसे एक बात तो है ..अब जब आप कुछ तीखा खायेंगे ना ..
तो सौ फीअदी गारंटी है ..बाबू..
खरगोन की मिर्ची को याद करने ना भूलेंगे