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Adani-Hindenburg Saga: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) उद्योगपति गौतम अदानी (Gautam Adani) के कारोबारी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट (Hindenburg Report) की जांच की मांग वाली याचिका पर आज को सुनवाई करेगा. याचिका में रिपोर्ट की जांच शीर्ष अदालत के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में कराए जाने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में दूसरी याचिका दायर की गई थी. इस बीच कांग्रेस पार्टी इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी (PM Modi) दोनों पर हमलावर है.
NSE-SEBI पर क्या कोई दबाब: कांग्रेस
कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को आरोप लगाया कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) संकटग्रस्त अडानी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहा है. इसके साथ ही कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ये भी पूछा कि क्या एक्सचेंज और बाजार नियामक संस्था SEBI पर अडानी समूह के साथ नरमी बरतने का ‘दबाव’ था.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अडानी ग्रुप द्वारा की गई कथित धोखाधड़ी के आरोप पर सरकार को निशाना बनाने के लिए अपनी पार्टी की ‘HAHK’ सीरीज के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को तीन सवालों के सेट का जवाब मांगा है.
पीएम मोदी से पूछा सवाल
जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भारतीय पूंजी बाजारों की सुरक्षा के लिए SEBI जैसे बाजार नियामकों की नाकामी ने उनकी छवि को खराब करने के साथ देश के वित्तीय बाजारों की अखंडता पर सवालिया निशान लगा दिया है. प्रधानमंत्री के नाम संबोधित अपने एक बयान में, रमेश ने कहा, ‘आपने (प्रधानमंत्री) अतीत में कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया है. आपने आर्थिक अपराधियों के लिए सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने के लिए G-20 की बैठक में वैश्विक नेताओं को ऐसे आरोपियों को प्रत्यर्पित करने की अपील की थी जो जटिल अंतरराष्ट्रीय नियमों का फायदा उठाते हुए भ्रष्टाचार कर रहे थे. लेकिन ऐसा लग रहा है कि एजेंसियों पर दबाव है और वैश्विक नेताओं का ऐसे लोगों के लिए रवैया भी संदेहास्पद दिख रहा है.’
जेपीसी जांच पर अड़ा विपक्ष
विपक्ष अरबपति गौतम अडानी की कंपनियों के खिलाफ अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए धोखाधड़ी और हेरफेर के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति जांच या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग पर अड़ा है. हालांकि अडानी ग्रुप ने आरोपों से इनकार किया है. जबकि विपक्षी नेताओं का कहना है कि अडानी समूह के शेयरों में मंदी एक मेगा घोटाला है जिसमें आम लोगों का पैसा लगा है और सार्वजनिक क्षेत्र के एलआईसी और एसबीआई ने उनमें निवेश किया है.